“मातृदिवस (Mother’s Day) पर एवं आकर्षक शुभकामना संदेश एवं रोचक कविताएँ”

आप सभी को मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
Mother’s day!
मातृत्व दिवस!
@aaghaz_e_nisha वेबसाइट मैं आपका स्वागत है।
“माँ “, माँ हम सभी के लिए एक बहुत ख़ास और प्यारा रिश्ता है! वैसे तो हमारी माँ हमारे लिए हर दिन खास होती है। लेकिन Mother’s day एक ऐसा दिन होता है, जब बच्चे अपनी प्यारी माँ के लिए इस दिन को ख़ास बनाने के लिए कुछ न कुछ विशेष करना चाहते हैं। और अपनी माँ की ख़ुशी के लिए उपहार एवं सरप्राइस प्लान करते हैं, और कई लोग मैसेज के माध्यम से भी माँ को मदर्स डे की बधाई देते हैं।
यदि आप भी अपनी माँ को स्पेशल फ़ील करना चाहते हैं! और अपनी माँ को एक प्यारा सा, स्पेशल एवं दिल को छू लेने वाला संदेश भेजना चाहते हैं! तो आप सही जगह पर आए हैं! हमारी इस वेबसाइट में बहुत ही रोचक एवं दिल को छू लेने वाले भावनात्मक संदेश एवं कविताएँ उपलब्ध है!
आशा करती हूं कि आपको सभी संदेश अवश्य पसंद आए होंगे, अगर आपको संदेश पसंद आए हों, तो कृपा कर कमेंट करके ज़रुर बताएं।
धन्यवाद आपकी सेवा में सदैव तत्पर
@aaghaz_e_nisha









“माँ बच्चों का आइना होती है”

ये मॉं के चेहरे की झुर्रियां नहीं है, जनाब!
ज़रा कभी वक्त मिले तो, ग़ौर से पढ़ना मॉं के चेहरे को!
इन झुर्रियों के पीछे तुम्हारी मॉं का बचपन मिलेगा,
थोड़ा और ग़ौर से पढ़ोगे तो, मॉं का संघर्ष दिखेगा!
तुम्हारे लिए वो कितनी रातें जागी,
तुम्हारे लिए कितने व्रत किये,
और हॉं, वो दुआएं दिखेंगीं जो उसने,
सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारे लिए मांगी होंगीं ,
ग़ौर से पढ़ना उन धुंधली आंखों को,
उसमें तुम्हारी परवाह दिखेगी!
और न जाने यह आंखें कितनी बार छलक आई होंगी ,
जो कभी तुम्हारी ख़ुशी में तो, कभी तुम्हारे ग़म में रोईं होंगीं ?
हो सके तो झांकना कभी उसके निस्वार्थ दिल में,
कि उसनें तुम्हारी खुशियों की ख़ातिर,
न जाने अपने कितने ही अरमानों का गला घोटतीं देखेंगी ?
जी हाँ,माँ के चहरे परबचपन से लेकर,
अब तक की वो हर बात भी दिखेगी !
कभी पढ़ना उनके सफ़ेद बालों को,
उनमें तज़ुर्बा दिखेगा, तुम्हारी परवरिश दिखेगी,
कभी ग़ौर से पढ़ना उनकी बोलतीं आँखों को ,
वो तुमसे तुम्हारा थोड़ा वक़्त माँगतीं दिखेंगीं
कि कभी ग़ौर पढ़ना मॉं के चेहरे को,
तुम्हें तुम्हारे जीवन की सारी सच्चाई दिखेगी,
क्योंकि मॉं बच्चों का आईना होती है..
कि इस आईने में तुम्हें तुहारी सच्ची तस्वीर दिखेगी
Nisha Shahi
” माँ का घर”

मायका यानी माँ का घर, जब तक माँ है, बेटियों के लिए मायका सजा हुआ है।
हर तीज त्योहार पर माँ के, घर का दरवाज़ा बेटीयों के लिए खुला हुआ है!
बेटी के क़दम घर में पड़ते ही, माँ का दिल गुलज़ार रहता है
,क्योंकि हर तीज त्यौहार में माँ को, बेटीयों का बेसब्री से इंतजार जो रहता है!
कि जब बेटीयां घर आती है, तो, सारे मोहल्ले को ख़बर हो जाती है,
क्योंकि पूरा मोहल्ला महक उठता है, उस ख़ुशबू से,
माँ बेटी की मनपसंद के,पकवान जो बनाती है!
अचार की वो बरनी खोली जाती है, जो बेटी के हिस्से की सबसे छुपाई जाती है।
फलों और मिठाइयों की, थाल सज जाती है,कि जब बेटी घर आती है,
माँ आगे पीछे कुछ ना कुछ, लेकर दौड़ी चली आती है!
कैसा लगा, क्या कुछ और बना दूं, तू एक इशारा तो कर!
कि पूरा जहां तेरे कदमों में बिछा दूं.
माँ बावली सी हो जाती है, कि जब बेटी मां के घर आती है,
आजा, तेरे बाल कितने रुखे, गए यह बोलकर, ज़बरदस्ती बालों की चंपी कर जाती है!
और जब घड़ी विदाई की आती है, जब बेटी अपने घर वापस जाती है,
न जाने कहां से माँ की, जादुई पोटली खुल जाती है,
जो एक थैला लेकर बेटी घर आती है, माँ के घर से चार थैले, भर कर ले जाती है!
कि जब तमाँ क है, तब तक, बेटीयां घर की शहजादी कहलाती है,
माँ की दुआ में इतनी ताकत है, कि हर बला टल जाती है!
इस दुनियां का अनमोल खज़ाना है, मां,कि जितना प्यार मां हम पर, लूटाती है!
उतना ही प्यार माँ के लिए हमें भी लूटना है